जंगल की जादू भरी रात

Jungle Ki Jadoo Bhari Raat

🐯 जंगल की जादू भरी रात

जंगल में बच्चा और जानवर एक साथ खड़े हैं

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव के किनारे एक घना जंगल था। लोग कहते थे कि उस जंगल में रात को जादू होता है — पेड़ बातें करते हैं, जानवर गाना गाते हैं, और चाँदनी में कुछ रहस्यमयी चमक होती है।

उसी गाँव में रहता था एक नौ साल का बच्चा — आरव। आरव को कहानियाँ बहुत पसंद थीं, लेकिन उसे कभी जंगल में जाने की इजाज़त नहीं मिली। उसकी दादी हमेशा कहतीं, “जंगल की रातें रहस्यमयी होती हैं, लेकिन बहादुर दिलों के लिए वो एक तोहफा भी हो सकती हैं।”

एक दिन, गाँव में अजीब घटनाएँ होने लगीं। जानवर गायब हो रहे थे, पेड़ सूखने लगे थे, और रात को अजीब सी आवाजें सुनाई देती थीं। गाँव वाले डर गए। लेकिन आरव को लगा कि जंगल उसे बुला रहा है।

उसी रात, जब सब सो रहे थे, आरव ने अपनी टॉर्च, एक छोटा सा बैग और दादी की दी हुई लकड़ी की ताबीज ली — और निकल पड़ा जंगल की ओर।

जैसे ही वो जंगल में पहुँचा, हवा बदल गई। पत्ते सरसराने लगे, और एक हल्की नीली रोशनी उसकी राह दिखाने लगी। अचानक एक आवाज आई — “तुम आ गए, आरव।” सामने एक बोलता हुआ बाघ खड़ा था। उसका नाम था वीर।

वीर ने बताया कि जंगल पर एक अंधेरा जादू छा गया है। एक पुरानी आत्मा — “कालछाया” — जंगल की खुशियाँ निगल रही है। लेकिन एक इंसान और तीन जानवर मिलकर उसे हरा सकते हैं। आरव ने बिना डरे कहा, “मैं तैयार हूँ।”

वीर के साथ जुड़ गए दो और साथी — एक चतुर लोमड़ी जिसका नाम था चंचल, और एक उड़ता हुआ उल्लू — तारा। चारों ने मिलकर जंगल के रहस्यमयी हिस्सों की खोज शुरू की।

रास्ते में उन्हें एक झील मिली जो अब काली हो चुकी थी। तारा ने कहा, “यहाँ पहले चाँद की परछाई नाचती थी।” आरव ने अपनी ताबीज झील में डाली, और अचानक पानी नीला हो गया। एक पुराना गीत सुनाई देने लगा — “जहाँ दिल सच्चा, वहाँ जादू सच्चा।”

आगे बढ़ते हुए उन्हें एक गुफा मिली जहाँ कालछाया का वास था। अंदर अंधेरा था, और डर की लहरें महसूस हो रही थीं। लेकिन आरव ने वीर, चंचल और तारा का हाथ पकड़ा और कहा, “हम साथ हैं।”

जैसे ही उन्होंने गुफा में कदम रखा, कालछाया प्रकट हुई — एक धुएँ जैसी आकृति, जिसकी आँखें लाल थीं। उसने कहा, “तुम्हें क्या लगता है, तुम मुझे हरा सकते हो?”

आरव ने जवाब दिया, “हम डर को नहीं जीतते, हम उसे समझते हैं।” और उसने अपनी ताबीज कालछाया की ओर बढ़ाई। ताबीज से रोशनी निकली, और कालछाया चिल्लाई — “तुम्हारा दिल साफ है, इसलिए मैं हार रही हूँ!”

कुछ ही पलों में गुफा रोशन हो गई, पेड़ फिर से हरे हो गए, और जानवरों की आवाजें लौट आईं। जंगल ने राहत की साँस ली।

वीर ने कहा, “तुमने सिर्फ जंगल को नहीं बचाया, तुमने हमें सिखाया कि इंसान और प्रकृति साथ चल सकते हैं।” चंचल ने मुस्कराते हुए कहा, “तुम्हारी कहानी अब जंगल की हवा में गूँजेगी।” और तारा ने कहा, “तुम अब हमारे परिवार का हिस्सा हो।”

आरव ने जंगल को अलविदा कहा, लेकिन उसका दिल अब हमेशा उस जादू से जुड़ा रहेगा। गाँव लौटकर उसने सबको बताया कि डर को समझना और दोस्ती करना ही असली जादू है।

सीख: सच्चा साहस डर को हराने में नहीं, उसे समझने में होता है। और जब इंसान प्रकृति से जुड़ता है, तो जादू खुद-ब-खुद हो जाता है।

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